दिनेश प्रसाद का यूरिक एसिड हुआ कम आयुर्वेदिक दवा से - Dinesh Prasad's Uric Acid Reduced Due To Ayurvedic Medicine

नमस्कार, मेरा नाम दिनेश प्रसाद है और मैं जिला मधुबनी, बिहार में रहता हूँ। एक साल पहले यूरिक एसिड बढ़ने से मेरी किडनी में इन्फेक्शन बढ़ने लगा था, जिससे मुझे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। किडनी की खराबी इतने बढ़ गई थी कि मुझे डॉक्टर ने डायलिसिस की सलाह दी| लेकिन एक समय के बाद डायलिसिस से भी मुझे कोई फायदा नहीं हुआ, इसके विपरीत मेरी हालत बिगड़ती चली गई। मुझे अब लगने लगा था कि मैं बच नहीं पाऊंगा, मैंने अभी हार मान ली थी लेकिन डॉक्टर पुनीत ने मेरी किडनी ठीक कर मुझे बचा लिया।


मुझे शराब पीने की बहुत आदत थी, मैं पानी से ज्यादा शराब पीता था, जिसकी वजह से मेरे शरीर में यूरिक एसिड से जुड़ी प्रॉब्लम होने लगी थी। क्रिएटिनिन बढ़ने की वजह से काफी देर तक दवाई खानी पड़ी लेकिन मुझे इस समस्या से निजात मिल गई। ठीक होने के बाद मैंने एक बार फिर शराब पीना शुरू कर दिया, जिसके कारण कुछ महीनों बाद फिर से मेरे शरीर में यूरिक एसिड की समस्या के लक्षण दिखने लगे। 

लेकिन मैं इस बात से पूरी तरह अनजान था कि यह किडनी इन्फेक्शन नहीं बल्कि किडनी फेल होने का लक्षण है। इस दौरान मुझे पेशाब कम आया और पेशाब करते समय मुझे बहुत जलन होने लगी, साथ ही मेरे पेशाब का रंग भी लाल हो रहा था। कुछ ही दिनों में मेरे पैरों में सूजन आ गई, जिससे मुझे चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी। जब मेरे शरीर में सूजन आ गई तो मैं समझ गई कि यह खाली यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या नहीं है।

इस दौरान मेरा ब्लड प्रेशर काफी बढ़ने लगा था, जिससे मुझे दिन में कई बार उल्टियां आने लगी और मेरी भूख कम हो गई। इन दोनों समस्याओं के कारण मैं बहुत कमजोर हो गया था और दवाइयों का कोई असर नहीं हो रहा था| मुझे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अस्पताल में घरवालों ने मुझसे कई टेस्ट कराने को कहा, डॉक्टर के कहने पर मैंने सारे टेस्ट करवाए और डॉक्टर को रिपोर्ट दिखा दी| मेरी रिपोर्ट देखने के बाद, डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी किडनी फेल हो गई है और अब मुझे डायलिसिस से गुजरना होगा।

मैंने अपने परिवार की सहमति के बाद, मैंने कुछ ही दिनों में डायलिसिस शुरू कर दिया। जब मेरा पहला डायलिसिस हुआ था, तो मुझे इससे बहुत नुकसान हुआ था, जिसे सहन करना बहुत मुश्किल था।

डायलिसिस कराने के बाद भी मुझे कोई आराम नहीं मिल रहा था, जिसके चलते डॉक्टर मुझे किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए कहने लगे, लेकिन मैं किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। अब मैंने हार मान ली थी क्योंकि मैंने तो सोच लिया कि मेरे पास ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पाऊँगा, लेकिन फिर एक दिन मुझे आशा की एक किरण दिखाई दी। मुझसे मिलने आए, उन्होंने मुझे कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल से आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic kidney Treatment Without Dialysis in India) लेने की सलाह दी। 

उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली में ही कर्मा आयुर्वेदा नाम से एक अस्पताल है, जहां यूरिक एसिड को कम करने और डायलिसिस के बिना ही किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है। मैंने उनकी बात मानी और कुछ दिनों के बाद मैं कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल गया, जहां मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत से हुई। 

मैंने उसे अपनी Test की रिपोर्ट दिखाई, जिसे देखने के बाद उसने मुझसे कहा, “कि अगर आप उचित आयुर्वेदिक दवाएं लेते हो और अपनी डाइट प्लान का ध्यान रखते हो, तो फिर आप जल्दी ही ठीक हो जाऊंगा”। फिर क्या था, मैं घर आया और डॉक्टर पुनीत द्वारा दी गई आयुर्वेदिक दवाएं लेने लगा, जिससे कुछ ही हफ्तों में मुझे अपनी health काफी दिखाई देने लगी और मैं कुछ ही महीनों में ठीक हो गया। जिसके लिए मैं डॉ. पुनीत और कर्मा आयुर्वेदा के सभी स्टाफ का धन्यवाद करता हूँ|

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